कि यह फ़कीर (साधारण व्यक्ति) 19 शाबान 1433 हि. सन् 10 जुलाई 2012 ई. मंगलवार को ज़ोहर नमाज़ (दोपहर में पढ़ी जाने वाली नमाज़) से पहले शिक्षित उच्चतम वर्ग के विद्वानों संग सिद्दीक़ी मस्जिद के उद्घाटन समारोह के अवसर पर उपस्थित हुआ, संस्थापक पीरे तरीक़त अल्लामा पीर सय्यद ग़ुलाम हुसैन शाह जीलानी की दुआओं को स्वीकार करते हुए गर्व महसूस किया। इस संस्था के शिक्षकों एवम विद्यार्थियों से मुलाकात हुई, इन का अतिथि का आदर-सम्मान देख कर अत्यधिक उत्त्तसाहित हुआ, मुझे ऐसा लगता है कि अल्लाह तआला ने प्यारे हबीब (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) एवं सरकार-गौसे आज़म एवं सुल्तानुल-हिंद ग़रीब नवाज़ के सदक़े हज़रत सय्यद साहब को सरकारे दो आलम (दोनों संसार) सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दीन (मज़हबे इस्लाम) एवं उनके संदेशों प्रचार-परसार के लिए चुना है। जिस का प्रमाण आम जनता अहले सुन्नत पीर साहब से अच्छे संबंध रखने वालों स्नैह प्रेम के परवानों अटूट विश्वास रखने वालों में दिखाई देता है। इनमें अपने प्रति जागरूकता अपने धर्म के प्रति लगन, विश्वास, सम्मान, समाजसेवा, आपसी सहयोग, अपने बड़ों के प्रति सम्मान, अपनी संस्था एवं संस्थापक के लिए हर समय सहयोग करने एवं उनके आदेशानुसार आदेशों की पालना करने से प्रतित होती है, जो कि हज़रत पीर सय्यद ग़ुलाम हुसैन शाह जीलानी की मेहनत का परिणाम है। अल्लाह तआला से पीर साहब के प्रति लम्बी आयु, अच्छे स्वास्थ्य, की कामना करता हूं।
: (आज्ञाकारी) सय्यद मेहदी मियां चिश्ती गद्दी नशीन सुल्तानुल-हिंद ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ ,,अजमेर शरीफ़,,(राजस्थान)
छात्र
कर्मचारी
सफलता के वर्ष
पूर्व छात्रों