कि आज 18 शाअबान 1434 हि. सन् 28 जून 2013 ई. सन् को
हज़रत अल्लामा सय्यद ग़ुलाम हुसैन शाह जीलानी क़िब्ला के आमंत्रण पर सूजा शरीफ़ हज़रत क़िब्ला के वालिद माजिद (पिता) के पवित्र स्थान पर उपस्थिती का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ। यहां पर आले रसूल (रसूल सल्ल्लाहो अलैहि वसल्लम की वंशज) के परिश्रम और हज़रत क़िब्ला की बरकतों (बढ़ोतरी) को देखा, हज़रत सय्यद ग़ुलाम हुसैन शाह जीलानी ने शानदार नि:संदेह जो कार्य प्रस्तुत किया है उसका दूर तक उदाहरण मिलना असम्भव है।
मैं हज़रत क़िब्ला की वयोवृद्ध उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं, कि अल्लाह तआला अपने हबीब की बदौलत और महबूब पाक गौषे आज़म शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी रद्दियल्लाहु अन्हु के कारणवश उनकी बलवान परछाई को उनके अनुयायियों और चाहने वालों का सम्बन्ध उनके परिवारों पर अत्यधिक समय तक बनाए रखे, और इस संस्था को और अधिक उन्नति दे आमीन
छात्र
कर्मचारी
सफलता के वर्ष
पूर्व छात्रों