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ख़तीबे हिंदुस्तान हज़रत अल्लामा व मौलाना उबैदुल्लाह ख़ान साहब आज़मी

पूर्व सदस्य पार्लियामेंट (दिल्ली) लिखते हैं :

19 शाबान 1429 हि. सन् 22 अगस्त 2008 ईस्वी को जामिआ सिद्दीक़ीया सूजा शरीफ़ बाड़मेर (राजस्थान) में उपस्थिति का सुनहरा अवसर मिला इस जंगल में मंगल का नज़ारा दर्शनीय है। हज़रत अल्लामा मौलाना सय्यद ग़ुलाम हुसैन शाह जीलानी का बलीदान प्रशंसनीय है और इन का मज़हबी शिक्षा के विकास एवं उन्नति के प्रति जिस तरह से रात दिन एक कर के प्रयास कर रहे हैं वह सराहनीय है।

जिसकी प्रशंसा "कवि" इस तरह करता है,

चमन में फूल खिलना तो कोई बात नहीं
ज़हे वो फूल जो गुलशन बनाए सहरा को।।

मैं समस्त मुस्लिम समुदाय से अपील करता हूं कि इस संस्था का हर सम्भव सहयोग एवं समर्थन और अपनी सेवाओं से शिक्षा को बढ़ावा दें।
धन्यवाद

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