अल्लाह तआला के लाख एहसान हैं कि जिस के कारण
यहां उपस्थित होने का अवसर मिला, जिस की प्रशंसा
मैं कई उल्मा के मूंह से सूनता आ रहा था।
इस बजंर भूमि में जामिआ का संचालन देख कर मेरा मन अधिक प्रसन्न हुआ। ऐसे रेगिस्तानी इलाक़े में ऐसा शानदार सुन्दर जामिआ का दृश्य जिसमें शिक्षा शिक्षण प्रशिक्षण के साथ-साथ विधार्थियों के चरित्र को निखारने का पूरा प्रबंधन किया गया है, यह किसी अल्लाह वाले का करिश्मा ही कहा जा सकता है।
इस प्रकार विधार्थियों के चरित्र के प्रति जागरूकता अभियान का प्रबन्ध बहुत ही कम संस्थाओं में किया जाता है।
मेरे विचार से संस्थाओं के संस्थापकों को अपनी संस्थाओं में इस प्रकार का बदलाव लाने की अवश्य आवश्यकता है। इस संस्था के संस्थापक हज़रत अल्लामा सय्यद पीर ग़ुलाम हुसैन शाह जीलानी शरीअत व तरीक़त में पूर्ण रूप से महान व्यक्ति हैं।
यह साधारण व्यक्ति व निःस्वार्थ सेवा, अत्यंत प्रयास और सोच समझ की शक्ति, लक्ष्यों के प्राप्ति हेतु अथक प्रयास का परिणाम है कि कम समय में एक शिक्षा का शहर आबाद कर दिया है, मुझे जो अधिक प्रभावित कर रही है वह है इन की दीनी तालीम के प्रति लग्न एवं चाहत और यह अपने चाहने वालों को अपने लिए नहीं बल्कि दीनी कार्यों के लिए उपयोग करते हैं।
मुझे अल्लाह तआला से आशा है कि अल्लाह तआला इस संस्था के सभी लक्ष्यों को लक्ष्य प्राप्ति तक पहुंचाएगा
अगर अल्लाह तआला ने चाहा तो भविष्य में भी इस संस्था पर इसी प्रकार अल्लाह तआला भलाई फरमाता रहेगा। आमीन
छात्र
कर्मचारी
सफलता के वर्ष
पूर्व छात्रों