3 ज़िलक़अ़्दा 1436 हिजरी को उ़र्से सि़द्दीक़ी में इस दारुल उ़लूम के सरबराहे अ़ाला शैख़े त़रीक़त ह़ज़रत अल्लामा सय्यद ग़ाउलाम हुसैन स़ाहिब मुद्दज़िल्लुहुल अ़ाली की दअ़्वत पर बमौक़ा इफ़्तेताहे बुख़ारी शरीफ़ ह़ाज़िर हुआ और उन की ख़िदमात से मुतास्सिर हुआ कि ह़ज़रत ने जंगल में दीन व सुन्नियत का एक क़िल्अ़ा तअ़्मीर फ़़रमा दिया है,यहाँ के असातिज़ा और त़लबा के अख़्लाक़ ने भी मुतास्सिर किया अल्लाह तबारक व तअ़ाला की बारगाह में इस फ़क़ीर की दुअ़ा है कि बतुफ़ैल नबी करीम स़ल्लल्लाहु तअ़ाला अ़लैहि वसल्लम ह़ज़रत पीर स़ाहब क़िब्ला मुद्दज़िल्लुहुल अ़ाली की उ़मर शरीफ़ में और मुरातिब व दरजात में बे शुमार बरकतें अ़त़ा फ़रमाए और यहाँ के असातिज़ा तलामिज़ा और हम सब को इल्मे नाफ़ेअ़् और दारैन की नेअ़्मतों से सर फ़राज़ फ़रमाए। आमीन
छात्र
कर्मचारी
सफलता के वर्ष
पूर्व छात्रों